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Sanskrit Scholars

डॉ. शीला डागा (विद्यालङ्कार)

डॉ. शीला डागा (विद्यालङ्कार)

डॉ. शीला डागा (विद्यालङ्कार)

निदेशक - विश्वगुरु दीप आश्रम शोध संसथान
भूतपूर्व प्राचार्या क.गु. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, देहरादून
भूतपूर्व सदस्य सं. विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय

जन्म : 1944
1949 से कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून आश्रम (छात्रावास) में निवास करते हुए विद्यालंकार (बी.ए.) 1962 में स्वर्ग पदक प्राप्त।
1964 में आगरा विश्वविद्यालय से एम ए।18 वर्ष तक गृहस्थजीवन।
1984 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एम् फिल् (ऋग्वेद के काव्यात्मक सूक्त)
1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएच डी. उपाधि (ऋग्वेद एवं अथर्थवेद का तुलनात्मक अर्थवैज्ञानिक अध्ययन- सामाजिक सम्बन्धवाची शब्दों पर)
डिप्लोमा : अंग्रेजी – हिन्दी अनुवाद1984 जर्मन भाषा, दिल्ली विश्वविद्यालय 1985
रिसर्च फेलो : महाभारत डेटाबेस प्रोजेक्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार (जनवरी 1990 से अक्टूबर 1994)
कन्या गुरुकुल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, देहरादून, द्वितीय परिसर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में प्राचार्या ( 1996 - 1997)
1998, 1999 संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय में एम्‌.ए. कक्षाओं का अध्यापन।
1986 से 1996 तक तथा 1998 से 2003 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में तदर्थ नियुक्ति पर अध्यापन कार्य।
तथा 2001 - 2003 तक पाणिनीय धातु कोष की बृहत्‌ परियोजना में रिसर्च फेलो के रूप में कार्य किया
2004 से 2009 तक उत्तर प्रदेश के गाँवों; में बाल शिक्षा (child education) के लिए कार्य किया

1962 से ही महिलाओं, दलितों के शोषण, छुआछुत, दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा आदि सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध संघर्षरत।
अनेक शोधलेख सामाजिक सरोकारों से जुड़े, दिल्ली विश्वविद्यालय की गोष्ठियों एवं सम्मेलनों में प्रस्तुत।

कुछ प्रकाशित -

वेद मंजरी : - वैदिक सूक्त संकलन (एक विशद अध्ययन – संस्कृत हिंदी अनुवाद, वैदिक व्याकरण सहित) 2001 में प्रकाशित
'क्यों नहीं नदी जोड़' पुस्तक तरुण भारत संघ, जयपुर से प्रकाशित (2005)
'वेद व उपनिषद्‌ (एक संक्षिप्त परिचय)' विश्वगुरु दीप आश्रम शोध संस्थान, 2019
‘किन्नर गाथा’ (एक सर्वांगीण दृष्टि) वाणी प्रकाशन, दिल्ली 2020।